न्यूज डेस्क
दिल के साथ दिमाग को भी झकझोर कर रख देने वाली बुराड़ी हत्याकांड में कई मोड़ हैं। कई किस्से हैं। पुलिस की थ्योरी है। रहस्य-रोमांच से भरे इस हत्याकांड की रिपोर्ट अब केंद्रीय गृहमंत्रालय देखेगी। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच शुक्रवार को अपनी पूरी जांच रिपोर्ट से केंद्र सरकार को अवगत कराने जा रही है। एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत के मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर ली गई है, जिसे आज गृह मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। रिपोर्ट में क्राइम ब्रांच ने साफ कर दिया है कि इस सामूहिक आत्महत्या के लिए परिजनों को किसी बाहरी व्यक्ति ने मजबूर नहीं किया और यह पूरा कांड परिवार के सदस्यों द्वारा खुद ही रचा गया था जिसकी पुष्टि घर से मिले कुछ दस्तावेजों से होती है। पुलिस टीम के अनुसार इन दस्तावेजों को परिवार का सुसाइड नोट मानते हुए जांच में महत्वपूर्ण 5 कारणों को रिपोर्ट में शामिल किया गया है। पुलिस इस मामले में कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश करेगी जिसके बाद केस बंद भी किया जाएगा।
इस मामले में हैरानी की बात है कि परिवार के 2 किशोरों से लेकर 70 साल के बुजुर्ग तक के लिए मौत की यह पूरी प्रक्रिया (अनुष्ठान) जश्न के जैसी थी। ताजा जारी सी.सी.टी.वी. फुटेज को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे घर में मौत को गले नहीं लगाया जाने वाला हो बल्कि कोई शादी-समारोह हो। फांसी के लिए स्टूल, रस्सी आदि खरीदने के दौरान सबके चेहरों पर खुशी नजर आ रही है।
घर में जो रजिस्टर मिले हैं, उन्हें गीता की तरह माना जाता था। या ये कह सकते हैं रजिस्टरों को परिवार ने भगवान का दर्जा दिया हुआ था। हिंदू धर्म के लोग जिस तरह गीता व उसके उपदेश को मानते हैं, उसी तरह भाटिया परिवार में रजिस्टर में लिखी हर बात को गीता के उपदेशों की तरह मानता था। पुलिस ने बृहस्पतिवार को भाटिया परिवार के घर जाकर 11 लोगों की मौत के सीन को रिक्रिएशन किया। जांच में जुटे अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रजिस्टर में लिखा हुआ है कि बाहर की दुनिया को छोड़ दो। कोई धर्म नहीं हैं। बाहर की दुनिया दिखावा है। वह रजिस्टर में लिखी बातों को परिवार के सदस्यों को दिन में तीन बार पढ़वाता था। वह परिवार के सदस्यों से कहता था कि रजिस्टर में लिखी हर बात सच्ची है। जब से पिता की आत्माएं उसमें आने लगी हैं, परिवार तरक्की करने लगा। एक दुकान से तीन दुकान हो गईं। मकान एक मंजिला से चार मंजिला हो गया है। वह बच्चों को पढ़ने के लिए कहता था। मोबाइल चलाने व टीवी देखने के लिए मना करता था। घर में जो दस मोबाइल मिले हैं उनमें से एक ही मोबाइल में ही वाट्सऐप चल रहा था।