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हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत की बरसी पर अलगाववादियों द्वारा बंद के ऐलान बाद रोकी गई अमरनाथ यात्रा सोमवार को दुबारा शुरू हो गई। कानून-व्यवस्था की समस्या को लेकर यात्रा रोकनी पड़ी थी। यात्रा रुकने के कारण श्रद्धालुओं को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों ने जानकारी दी की श्रद्धालुओं को सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवती नगर आधार शिविर से दो टुकड़ियों में रवाना हुए हैं। शाम तक घाटी स्थित स्थान तक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। यात्रा के बहाल होने से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास मौसम खराब होने के कारण फंसे हुए श्रद्धालुओं के लिए यात्रा फिर से बहाल होने से राहत की सांस ली है। अधिकारियों ने बताया कि 1,360 महिलाएं एवं 222 साधु सोमवार को कश्मीर में बालटाल एवं पहलगाम आधार शिविरों के लिए रवाना हुए।
ज्ञात हो कि हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की रविवार को दूसरी बरसी थी, जिसको लेकर अलगाववादियों ने बंद का ऐलान किया था। इसको देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। इस कारण यात्रियों को 1000 की संख्या में कठुआ में और वहीं 15000 से ज्यादा यात्रियों को जम्मू, उधमपुर और रामबान जिले में रोका गया था। इसको लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। हमारा प्रयास तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। वैद्य ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता हमारी प्राथमिकता है। बता दें कि 8 जुलाई, 2016 को सुरक्षाबलों ने बुरहान वानी को मार गिराया था। उसके बाद कश्मीर में पत्थरबाजी का दौर शुरू हुआ था, जो कई महीनों तक जारी रहा था।