न्यूज डेस्क :
केन्द्रीय वाणिज्य-उद्योग एवं नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को यहां कहा कि सुरक्षा उद्योग आने वाले समय में बेहतर रोजगार अवसर प्रदान करने और भविष्य की परियोजनाओं और ढांचागत निर्माण कार्यों को नुकसान से बचाकर लाभप्रद बनाने की क्षमता रखता है। इस क्षेत्र में पेशेवरों को एक साथ लाकर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) बेहतरीन काम कर रहा है| अब हमें विचार करना है कि कैसे इसका लाभ उठाया जाए।
व्यवसाय, उद्योग एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बेहतर सुरक्षा एवं बचाव जैसे विषयों को ध्यान में रखते हुए 29 व 30 नवम्बर को आईआईएसएसएम का 28वां वार्षिक वैश्विक सम्मेलन दिल्ली छावनी के मानेकशॉ केन्द्र में आयोजित किया जा रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सम्मेलन सुरक्षा से जुड़े केन्द्रित विषयों पर काम करता है और विशेषज्ञों के सहयोग से नवीनतम समाधान तलाशता है।
सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत दुनिया में अराजक ताकतों के निशाने पर है। हम दुनिया के सबसे जटिल पड़ोस में रह रहे हैं। इससे सुरक्षा की दिशा में कार्य करने की गंभीर आवश्यकता है। देश की आबादी, क्षेत्र और परिस्थितियों को देखते हुए सरकार का सभी को सुरक्षा मुहैया कराना काफी मुश्किल है। ऐसे में सुरक्षा उद्योग इस दिशा में काम कर देशहित को ही साध रहा है। उन्होंने कहा कि आमदनी और खर्चे के साथ बचत भी खाते का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दुनियाभर में सैन्य अधिकारी सेवानिवृत होने के बाद कई तरह से पेशेवर भूमिका निभाते हैं। सेना से रिटायर होने वाले यह लोग देश के लिए एक बचत की तरह है। आईआईएसएसएम इस बचत का बेहतर इस्तेमाल कर रहा है और सुरक्षा पेशेवरों को एक साथ लाकर देश की मदद कर रहा है। अब हमें यह विचार करना है कि कैसे आईआईएसएसएम के काम का हम लाभ उठा सकें। हम प्रयास करेंगे कि कैसे उड्डयन उद्योग में हम मिलकर काम कर सकते हैं।
प्रभु ने कहा कि महाराष्ट्र में आग लगने की कई घटनायें हुई हैं। एकतरफ हम ढांचागत संरचना तैयार कर रहे हैं और दूसरी और आपदा के चलते इन्हें गंवा रहे हैं। इसके लिए संपत्ति सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हमें इस दिशा में काम करना चाहिए। द्वारका में कन्वेंशन सेंटर और आईटीपीओ जैसी बड़ी ढांचागत संरचनायें तैयार हो रही हैं। उसमें अग्निश्मन और अन्य सुरक्षा उपाय करने की अति आवश्यकता है जिसमें आईआईएसएसएम हमारी मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो सुरक्षा से जुड़ा उद्योग निरंतर वृद्धि कर रहा है। इस सेवा क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने की अपार क्षमतायें हैं। हमें इस पर विचार करते हुए इस क्षेत्र के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
प्रभु ने कहा कि यह एक बेहतरीन अवसर है कि हम तकनीक के बेहतर इस्तेमाल के बारे में भी विचार करें। भारत 10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने जा रही जिसके लिए हमें विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवर कार्य करना होगा। आईआईएसएसएम इस दिशा में बेहतरीन काम कर रहा है।
आईआईएसएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि पेशेवरों की इस सम्मेलन का उद्घाटन स्वयं में पेशेवर और केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु कर रहे हैं। 28 वर्षों पुराना यह संगठन वार्षिक सम्मेलन के अलावा विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इसमें साइबर सुरक्षा, अग्निश्मन, सड़क सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। हम कई शोध पत्र भी प्रकाशित करते हैं। इन्हें सरकार और शिक्षण संस्थानों को भेजा जाता है। उनकी ओर से भी हमें बेहतर प्रतिक्रिया मिलती है| वह जानना चाहते हैं कि हम क्या नया कर रहे हैं।