दिल्ली ब्यूरो:
पेट्रोल के बढ़ते मूल्य को लेकर सरकार की किरकिरी और त्राहिमाम को देखते हुए इसमें 10 रुपये तक की कमी की जा सकती है, जो अगले चुनाव में सरकार के लिए ट्रंप कार्ड साबित होगी।
केंद्र सरकार पेट्रोल की कीमत कम करने के लिए इथेनॉल मिलाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में इथेनॉल पर लगने वाला टैक्स खत्म कर रही है। इससे इथेनॉल की कीमत में कुछ कमी आएगी। इससे संभावना है कि पेट्रोल में करीब दस से पंद्रह फीसद इथेनॉल मिलाया जाएगा। वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों का मानना है ऐसा होता है, तो पेट्रोल की कीमत आठ से दस रुपये प्रति लीटर घट सकती है।
उल्लेखनीय है कि इथेनॉल पर ढाई रुपये प्रति लीटर टैक्स लगता है। राज्य सरकार इस टैक्स को खत्म करेगी, तो उसे महज 16 लाख रुपये का नुकसान होगा, इसलिए राज्य सरकार ने केंद्र के प्रस्ताव को मान लिया है। वाणिज्यकर विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि इथेनॉल से टैक्स खत्म करने के लिए प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया है।
इसके अलावा केंद्र सरकार मप्र में पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने का एक प्लांट भी लगाएगी। पिछले दिनों ही केंद्र सरकार ने इथेनॉल के दाम बढ़ाए हैं, ताकि गन्ना किसानों को फायदा हो सके। केंद्र सरकार पेट्रोल में इथेनॉल मिलाकर बेचने की योजना पर पिछले कई सालों से काम कर रही है। इथेनॉल बनाने का मुख्य स्त्रोत गन्ना है, इसके अलावा अन्य मीठे पदार्थों से भी इथेनॉल बनाया जा सकता है।
ज्ञात हो कि इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इथेनॉल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण, दोनों को फायदा होता है। भारतीय परिपेक्ष्य में देखा जाए, तो इथेनॉल ऊर्जा का अक्षय स्रोत है, क्योंकि भारत में गन्ने की फसल की कमी कभी नहीं हो सकती।
विदेशों में ट्रस्क प्रयोग धड़ल्ले से होता है। ब्राजील में लगभग 40 प्रतिशत गाड़ियां सौ फीसद इथेनॉल पर दौड़ रही हैं। यही नहीं बाकी गाड़ियां भी 24 फीसद इथेनॉल मिला ईंधन उपयोग कर रही हैं। स्वीडन और कनाडा में भी इथेनॉल पर गाड़ियां चल रही है। कनाडा में तो इथेनॉल के इस्तेमाल पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है।
इथेनॉल के अपने फायदे भी हैं। प्रदूषण कम करने में इथेनॉल एक अच्छा विकल्प है। इसके उत्सर्जन से निकलने वाली गैसें पेट्रोल की तुलना में कम हानिकारक होती हैं। यह कभी न खत्म होने वाला ऊर्जा का स्त्रोत है। इसका प्रयोग ओजोन परत में होते वाली क्षति को कम करने में मदद भी करते हैं। भारत में इसके प्रयोग के कई अन्य फायदे हैं। इनमें फ्यूल के बढ़ते दाम में कमी, कृषि सेक्टर को बढ़ावा, प्रदूषण पर नियंत्रण, पेट्रोलियम के आयात में कमी आदि प्रमुख हैं।