न्यूज डेस्क:
गठबंधन की राजनीति सबको नहीं सुहाती है। रास भी नहीं आती है। विधानसभा चुनाव में जीतकर आई सबसे बड़े दल भाजपा को रोकने के लिए कर्नाटक में विपक्षी दलों ने सबसे बड़ा गठबंधन बनाया और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनवा दिया। हालांकि, इसमें उनके और उनके पिता एचडी देवगौड़ा की भी सहमति थी। दो दिन पूर्व तक कुमारस्वामी यही कहते सुने गए कि हमारी सरकार बेहतर कार्य कर रही है। हम पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। लेकिन, अचानक से परिस्थितियां बदलीं और कुमारस्वामी के आंसू छलक आएं। सरेआम रुआंसे हो गए। आखिर क्यों ? सबके मन में यही सवाल है।
असल में, कुमारस्वामी इतने भावुक नजर आए कि सार्वजनिक मंच से ही सबके सामने उनके आंसू छलक गए। कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा और ये खुद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बहते आंसू कह रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने की मुश्किल से दो महीनों में ही कुमारस्वामी ने एक बार फिर से गठबंधन की सरकार की मजबूरियों को रोना रोया है। कुमारस्वामी ने एक बार फिर से स्वीकार किया कि वह इस गठबंधन वाली सरकार से खुश नहीं हैं।
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे सीएम कुमारस्वामी ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान सरेआम रोते हुए कहा कि आप सब मुझे बधाई देने के लिए बुके के साथ खड़े हैं। आप सभी को लग रहा होगा कि आपका भाई मुख्यमंत्री बन गया है और इससे आप सभी खुश हैं। मगर मैं इससे खुश नहीं हूं। मैं गठबंधन की सरकार के दर्द को जानता हूं। मैं अपना दर्द बिना बांटे विषकंठ की तरह पी रहा हूं। जो किसी जहर से ज्यादा कुछ नहीं है। मैं इस हालात से खुश नहीं हूं।