उपेंद्र त्रिपाठी:
क्या कोई ऐसी जेल भी हो सकती है, जिसमें केवल एक कैदी हो? अगर आपका जवाब ‘ना’ में है, तो आप गलत हैं। क्योंकि ऐसी जेल तो अपने ही देश में मौजूद है, भले ही इसकी जानकारी आपको नहीं है। जी हां, भारत में एक जेल ऐसी है, जहां केवल एक ही कैदी बंद है, और उस कैदी का नाम दीपक कांजी (30) है। यह जेल पुर्तगाल की कॉलोनी रहे केंद्रशासित प्रदेश दीव में है। यह अलग बात है कि इस जेल में कुल आठ सेल हैं, जो 60 कैदियों के रहने के लिहाज से बनाए गए थे।
जेल में बंद कांजी 50 वर्ग मीटर के कमरे में अकेला रहता है। उसे जेल प्रशासन की ओर से टीवी, कंबल और वॉटर कंटेनर जैसी सुविधाएं हासिल हैं। उसकी सुरक्षा के लिए वहां अभी भी पांच जेल गार्ड, एक जेलर और एक चपरासी मौजूद हैं। वह शाम 4 से 6 बजे तक पुलिस की निगरानी में जेल से बाहर जाकर सैर भी करता है। इस प्रकार महज एक कैदी के कारण पुलिस, प्रशासन और कैदी पर लाखों खर्च होता है। गृह मंत्रालय के मुताबिक बाकी राज्यों की तुलना में दमन और दीव अपने कैदियों पर ज्यादा खर्च करते हैं। यहां प्रत्येक कैदी पर 32,000 रुपये खर्च किया जाता है।
जेल इंचार्ज चंद्रहाल वाजा का कहना है कि कैदी की 24 घंटे निगरानी की जाती है। उसके लिए होटल से खाना मंगवाया जाता है। इस जेल को बंद करने की बात भी 2013 से की जा रही है, जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने इसे पर्यटन स्थल बनाने के लिए गुजारिश की थी, लेकिन असली तौर पर जेल बंद करने की प्रक्रिया बीते साल से ही शुरू हुई है। लेकिन, इसके बावजूद अपरिहार्य कारणों से अभी कांजी को दूसरी जेल में शिफ्ट नहीं किया जा सकता।
वाजा का कहना है कि उन्होंने जेल में और कैदी नहीं रखने का फैसला किया है। पहले यहां 7 कैदी थे, जिनमें 2 महिलाएं थीं। इनमें से 4 को दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। दो की सजा पूरी हो चुकी थी और उन्हें जेल से रिहा भी कर दिया गया, लेकिन बाद में कांजी दिसंबर में दोबारा गिरफ्तार हो गया। दरअसल, उसने अपनी पत्नी को जहर देकर मारने की कोशिश की थी।
उसे अभी दूसरी जेल में इसलिए नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि दीव सेशंस कोर्ट में उसकी सुनवाई चल रही है। जब तक उसकी सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक उसे इसी जेल में रखना होगा। यदि उस पर लगे आरोप सच साबित हो जाते हैं, तभी उसे दूसरी जेल में शिफ्ट किया जा सकेगा।
बता दें कि जेल का यह आखिरी कैदी, यानी कांजी टीवी पर दूरदर्शन और आध्यात्मिक चैनल देखता है। वह गुजराती अखबार और पत्रिकाएं भी पढ़ता है। गार्ड के साथ टहलते वक्त कांजी अपने मामले की सुनवाई और भविष्य पर चर्चा भी करता है।