फीचर डेस्क :
हिंदू धर्म में कई परंपराएं प्रचलित हैं। उनमें से एक है गो-दान, यानी गाय का दान करना। गाय वह पवित्र पशु है, जिसे बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसके प्रत्येक अंग में देवताओं का वास कहा जाता है। अनेक धर्म ग्रंथों में गाय के महत्व के बारे में चर्चा की गई है। यहां तक कहा गया है कि गाय के दूध में अमृत होता है, वहीं गो-मूत्र और गोबर को भी परम पवित्र माना गया है।
श्रीमद्भागवत के अनुसार जब देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो उसमें कामधेनु निकली। पवित्र होने की वजह से इसे ऋषियों ने अपने पास रख लिया। माना जाता है कि कामधेनु से ही अन्य गायों की उत्पत्ति हुई। धर्म ग्रंथों में यह भी बताया गया है कि गाय में सभी देवता निवास करते हैं। गाय की पूजा करने से सभी देवताओं का पूजन अपने आप हो जाता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण भी गायों की सेवा करते थे। श्रीकृष्ण रोज सुबह गायों की पूजा करते थे और ब्राह्मणों को गो-दान किया करते थे।
महाभारत के अनुसार गाय के गोबर और मूत्र में देवी लक्ष्मी का निवास है। इसलिए इन दोनों चीजों का उपयोग शुभ कार्यों में किया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है कि गो-मूत्र में बहुत सारे उपयोगी तत्व पाए जाते हैं, जिनसे कई रोगों का उपचार संभव है। गाय का दूध, घी आदि चीजें भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। विशेष अवसरों पर ब्राह्मणों को गो-दान करने की परंपरा आज भी है।